हमें नींद क्यों आती है – नींद आने के कारण। नींद की बीमारी। नींद क्यों जरुरी है

नमस्कार ,दोस्तों मैं हूँ bhaskar  ,और आपका हमारे इस ब्लॉग knowledgewap में आपका स्वागत हैं , आज के इस आर्टिकल के through  मैं आपको नींद (sleep)के बारें में कुछ तथ्य बताऊंगा –                                       

कहा जाता हैं कि दिनभर की थकावट के बाद अगर रात को चैन की नींद आ जाये ,तो सारी थकावट दूर हो जाती हैं। सात से आठ घंटे के अच्छी  नींद(sleep) के बाद की सुबह में हमारे शरीर के 

तन और मन तरोताजा के लिए जरुरी हैं,कि नींद(sleep) गहरी आएसाथ ही नींद के बीच कोई रुकावट न हो ,आइये जानते हैं कुछ एक्सपर्ट डॉक्टरों की राय।  …….. 

अनियमित दिनचर्या ,तनावपूर्ण जीवनशैली ,शराबपीना ,ध्रूमपान करना और अपौष्टिक आहार के कारण शहर का हर दशवाँ व्यक्ति नींद की तलाश में हैं , नींद न आने पर नींद की दवा लेने से हल नहीं होता ,बल्कि इससे हमारा ही घाटा होता हैं ,हम नींद के दवा के आलावा और भी कई कई क्रमबद्ध तरीके हैं ,जिससे हमें नींद आ सकता हैं। अगर हमें अच्छी नींद चाहिए तो हम सबसे पहले जान लेते हैं ,कुछ जानकारिया नींद के बारें में ,

क्या हैं सामान्य नींद ?Why is sleep importanat

एक स्वस्थ्य व्यक्ति को बिस्तर पर जाने के बाद 10 से 15 मिनट के अंदर नींद आ जाती हैं, इसके लिए उसे प्रयास नहीं करना पड़ता। डॉक्टर्स भाषा में बेहतर नींद को दो भाषा में समझा जा सकता हैं। यदि आप सो रहे हो तो जरुरी नहीं हैं कि आप हमेसा गहरी नींद में ही सो रहे हैं। 

नींद दो प्रमुख प्रकार क होती हैं। जिसे एनरेम और रेम के नाम से जाना जाता हैं। एनरेम पहला चरण होता हैं ,

इसमें तीन चरणों में नींद आती हैं,पहले चरण में गर्दन पर नियंत्रण खो जाता हैं ,लेकिन आँखों की पुतलिया घूमती रहती हैं। इसके दूसरे चरण में मस्तष्क स्थिर हो जाता हैं। और तीसरे चरण में शरीर सामान्य हो जाता हैं ,इस स्थिति को सपने देखने के लिए जाना जाता हैं ,इन तीनो चरण के बाद रेम नींद आती हैं ,

नींद(sleep) की गोली लेने से बचे ;

बेहतर नींद के लिए नींद(sleep) की गोलियों का सहारा न ले। क्योकि हमारे दिमाग पर इसका नकरात्मक प्रभाव पड़ता हैं ,ये नींद की गोलिया आप दुकानदार से नहीं ले सकते ,

क्योकि दुकानदार को बेचने से उसे जेल भी हो सकती हैं ,ये दवाइया आपको सिर्फ डॉक्टर ही दे सकता। नींद की गोली लेने से हमारी स्मरण शक्ति कमजोर, मुंह सुखना और कम भूख लगने जैसे हालात पैदा हो सकती हैं 

इन गोलियों को डॉक्टर के परामर्श से ही लेना अच्छा रहेगा, क्योकि यह दवा हमारे न्यूरोन्स को निष्क्रिय कर ,उसे सुस्त कर देता हैं।

दवा लेने का मतलब आप मस्तिष्क को जबरन नींद की अवस्था में लाना चाहते हैं,और दिमाग के साथ छेड़खानी से हमारे ही शरीर को नुकसान पहुँचाना। 

आज भारत के कई युवा नींद की गोली के बिना सो नहीं सकते। आज ये एक बीमारी का रूप लेता जा रहा हैं और लोग इसे नजरअंदाज करते आ रहे हैं आज नींद की वजह से कई बीमारिया हो रही हैं इन्ही बीमारियों में से मैं आपको प्रमुख बीमारियों के बारे में बता रहा हूँ। 

नींद के कारण होने वाली बीमारी :

आज नींद का महत्व समझते हुए कई लोग रातभर करवटें बदलते रहते हैं। नींद आना एक स्वाभाविक प्रक्रिया हैं ,इसके बावजूद भी लोग नींद न आने से परेशान रहते है ,जिसे एक तरह से साइ क्रेटिक डिसऑर्डर माना जाता हैं

 इन्सोमिनिया और ऑब्स्ट्रक्टिव स्लिप एपनिया दो बीमारिया हो जाती हैं जिससे हमसे नींद कोसो दूर चली जाती हैं दोनों ही स्थितियों में इलाज जल्दी न होने से अन्य परेशानिया हो सकती हैं। 

इन्सोमिनिया–

 नींद न आना ,जबरदस्ती नींद(sleep) का प्रयास करना ,करवटें बदलना या फिर टहलकर रात बिताने की मजबूरी ही इन्सोमिनिया कहलाती हैं ,

expert के मुताबिक -इन्सोमिनिया रोग कई कारणों से हो सकता हैं ,जैसे – शरीर से काम न कर कोई काम बैठे बैठे ही करने से नींद गायब हो सकती हैं,इसोमिनिया होने के कारण काम में एकाग्रता की कमी ,चिड़चिड़ापन ,शरीर में ऊर्जा की कमी ,जैसी परेशानिया होने लगती हैं  


ऑब्स्ट्रक्टिव स्लिप एपनिया  (ओसए ) — 

इस  स्थिति में असामन्य या काम के तनाव की वजह से नहीं ,बल्कि साँस लेने में रुकावट की वजह से नींद बाधित होती हैं। 

कई बार लोग इसके शिकार के कारण खर्राटे लेकर सोते हैं , लेकिन इसे बेहतर नींद नहीं कहा जा सकता हैं। गले का टॉन्सिल बढ़ने ,साँस की नालिया संकुचित होने या फिर साइनस की वजह से भी स्लीप एपनिया की शिकायत हो सकती हैं 

कैसे अच्छी नींद लगेगी ;

  • सोने से पहले टीवी न देखे। 
  • लाइट बंद करने  बाद मोबाइल स्क्रीन को न देखे।
  • एलकोहॉल सिगरेट आदि का सेवन न करें। 
  • अपनी personal बातों को डायरी में लिखे। 
  • ऐसे काम करें जो आपको ख़ुशी दे। इससे हमारे सेरोटॉनिन हार्मोन का स्राव होता हैं और इसके स्राव से हमे अच्छी नींद(sleep) आती है।