आतंकवाद पर निबंध हिंदी में। Aatankwad Par Nibandh Hindi Mein
भूमिका – आतंकवाद एक तरह की हिंसात्मक गतिविधि है जिसे किसी खास मकसद के लिए संबंधित व्यक्ति या संगठन संचालित करता है । इसके मूल में उस व्यक्ति या संगठन का कोई आर्थिक , राजनीतिक , धार्मिक एवं सामाजिक हित छुपा होता है । आज भारत समेत संपूर्ण विश्व इसके शिकंजे में जकड़ चुका है । अमेरिका , रूस , ब्रिटेन आदि सभी विकसित व विकासशील के विकास के पहिए को इसने जाम कर रखा है ।
( ii ) आतंकवाद के कारण – सूक्ष्म रूप से गहराई के साथ यदि हम देखें तो पाते हैं कि आतंकवाद के तिक , धार्मिक व आर्थिक कारण मुख्य हैं । आज कई देश , खासकर पाकिस्तान जैसे देश अपने राजनीतिक व धार्मिक लाभ के कारण आतंकवाद को बढ़ावा दे रहे हैं । वे इसके नाम पर विकसित राष्ट्र से आर्थिक लाभ भी लेते रहे हैं जिसके कारण आर्थिक कारण भी इसके मूल में हैं । गरीबी भी इसके सहायक तत्व हैं क्योंकि गरीब युवा पैसे के लालच में आतंकवादी संगठन ज्वाइन कर लेते हैं । बेरोजगारी को भी इसके प्रसार का कारण माना जा सकता है । आतंकवादी संगठन बेरोजगार युवाओं को तरह – तरह का झांसा देकर अपना संगठन ज्वाइन करवाते हैं और अपने एजेंडे की पूर्ति के लिए उन्हें दुश्मन देशों में आतंक फैलाने के लिए भेज देते हैं । इसके अलावा धार्मिक रूढ़ि व पूर्वाग्रह भी इसका एक बड़ा कारण है ।
( iii ) आतंकवाद से निदान – आतंकवाद से यदि निजात लेना है तो सर्वप्रथम उसके विरुद्ध कठोर कार्रवाई करते हुए संबंधित व्यक्ति को कठोर से अथवा कठोर सजा सुनिश्चित करनी होगी । साथ ही देश में समान नागरिक संहिता भी लागू करनी चाहिए । देश में शिक्षा का स्तर बढ़ाने के साथ – साथ रोजगार , सृजन भी करना होगा क्योंकि एक कहावत भी है कि खाली दिमाग शैतान का घर होता । खाली और बेरोजगार युवाओं को ही आतंकवादी संगठन निशाना बनाते हैं । साथ ही संबंधित देश पर भी कड़ी कारवाई करते हुए प्रतिबंध लगाना चाहिए ।
( iv ) निष्कर्ष – इस प्रकार आतंकवाद आज एक बड़ी वैश्विक समस्या बन गया है जिसका समय रहते सभी प्रभावित देशों को उचित कदम उठाना महत्व चाहिए ।
Aatankwad Par Nibandh Hindi Mein
आतंकवाद आज राष्ट्रीय एवं अन्तर्राष्ट्रीय ज्वलंत समस्या बन गया है । यह विश्व के लिए कोई नया शब्द नहीं बल्कि भारत , इजरायल , अरब राष्ट्रों , फिलिस्तीन आदि देशों में पूर्व से ही प्रयुक्त किसी भी दिन का समाचार – पत्र ऐसा नहीं रहेगा जिसमें आतंकवादी गातिविधियों की कारनामा सुर्खियों में न हो । आज इस समस्या को समाप्त करने के लिए हर संभव उपाय सफल नहीं पा रहा है । आतंकवाद शब्द का आशय है – एक ऐसी नई राह बनाना जिस पर चलने से समाज एवं राष्ट्र में भय , आतंक की स्थिति व्युत्पन्न हो जाए और इन गतिविधियों के सामने शासन तंत्र घुटना टेक दे ।
आतंकवादी गतिविधियों की पृष्ठभूमि में पूँजीवादी देशों की सहायक भूमिका को प्रमुख माना जा रहा है । आतंकवादी पूँजीपतियों और सेठ – साहूकारों की कहीं हत्या कर रहे हैं तो कहीं विमान का अपहरण । कहीं बम विस्फोट की जा रही है । आज कोई भी विवेकशील , समझदार , बुद्धजीवी व्यक्ति इसे कदापि पसन्द नहीं करेगा । हानियों के अलावे इससे लाभ की आशा नहीं की जा सकती । समकालीन समय में पूरा विश्व आतंकवाद के खिलाफ एकजुट है । यदि कोई राष्ट्र आतंकवाद को प्रश्रय दे रहा है तो उसे आतंकवादी राज्य घोषित कर उसे बर्बाद कर दिया जा रहा है । 11 सितम्बर 2001 को विमान अपहरण करके न्यूयार्क स्थित ‘ विश्व व्यापार केन्द्र ‘ को ध्वस्त कर दिया गया , तब अमेरिका जैसे पूँजीवादी राष्ट्र की नींद खुली । यह विश्व व्यापार केन्द्र संसार का सबसे बड़ा भवन था ।
इस घटना में देश – विदेश के अनेकों लोग मारे गए जिसमें अधिकतर भारतीय थे । इस घटना के बाद स्वयं अमेरिका ने आतंकवाद को पूरे विश्व से समूल नाश करने की वीणा उठाई है । आतंकवाद को नियंत्रित करने के लिए सरकार और जनता के बीच आपसी सशक्त सहयोग साहचर्य होना चाहिए । कानून और न्याय व्यवस्था में भी सुधार की आवश्यकता है जिससे आतंकवादियों के प्रति कठोर कार्रवाई की जा सके । आतंकवाद को समस्या का समाधान आतंकवादियों को मारने से नहीं , अपितु उसके जड़ों पर प्रहार करने से होगा । युवाओं में व्याप्त असंतोय के कारणों को खोजकर उन्हें दूर करना होगा । सरकार को चाहिए कि वह आतंकवादी संगठनों से बातचीत करते हुए राष्ट्रहित में इसे पूरा करने की कोशिश करें ।
आतंकवाद पर निबंध
आप कोई भी समाचार पत्र हाथ में लीजिए , मोटे – मोटे लक्षरों में अपहरण , हत्या .. लूट , व्यभिचार , बमों के धमाके आदि के समाचार अवश्य पढ़ने को मिलेगे । इस कारण सम्पूर्ण देश में भय का वातावरण बन गया है । आज कोई भी सुरक्षित नहीं है । इसी असुरक्षा एवं कानून की धज्जियाँ उड़ाने का नाम आज ‘ आतंकवाद ‘ है । इस आतंकवाद की जड़ में असंतोष , राजनैतिक स्वार्थ , प्रशासनिक भ्रष्टाचार , धार्मिक उन्माद आदि है । ‘ उग्रवाद ‘ भी उसी का छोटा भाई है । आतंकवाद हमारे समाज में पनप रही वह दीमक है , जो सम्पूर्ण समाज को खोखला करने में सक्षम है ।
आतंकवाद जहर की भाँति पूरे देश में फैल रहा है । इसने हमारे जीवन में सुख , चैन , शान्ति छीन लिए हैं और हमारे अन्दर एक अजीब – सी दहशत पैदा कर दी है । हमारे देश में आतंकवाद से पहले पंजाब जल रहा था , आज कश्मीर जल रहा है , दिल्ली जल रही है , असम , नागालैंड , बिहार आदि जल रहे हैं । आतंकवाद से केवल भारत ही नहीं , वरन् सम्पूर्ण विश्व आक्रांत एवं त्रस्त है
। आतंकवादी आधुनिक अस्त्र – शस्त्रों से लैस है । उन्हीं अस्त्र – शस्त्रों के बल पर वे लोगों को आतंकित करते हैं । ये आतंकवादी कभी हवाई जहाज का अपहरण कर लेते हैं , तो कभी ट्रेन को ही उड़ा देते है । कभी सुरक्षाबल शिविरों पर बमों के धमाके करते हैं , तो कभी मुम्बई , दिल्ली जैसे महानगरों में विस्फोट । अभी हाल में दिल्ली में तीन स्थानों पर लगातार तीन भयंकर धमाके हुए । आतंकवादियों के समक्ष किसी के जीवन – मरण का कोई मूल्य नहीं ।
आतंकवाद आज विश्वभर के लिए एक भयंकर चुनौती बन गया है । आज विश्व के अनेक देशों में विभिन्न खूखार आतंकवादी गुट सक्रिय हैं । उन्हें वहां की सरकारों का भी संरक्षण प्राप्त है । 11 सितम्बर , 2001 को अलकायदा नामक एक खूखार आतंकवादी गुट द्वारा अमेरिका के ट्वीन टावर को बमों से उड़ा दिया गया ।
आतंकवाद का यह सब अत्यन्त घिनौना रूप है । आतंकवादी इस प्रकार के अमानवीय एवं असामाजिक क्रिया – कलापों में इसलिए लिप्त रहते है ताकि वे राष्ट्रीय सरकार या विश्व समुदाय का ध्यान किसी समस्या पर केन्द्रित कर सके तथा अपनी उचित – अनुचित मांगों को मनवा सके । आतंकवाद जैसी समस्या का समाधान राष्ट्रीय एवं अन्तरराष्ट्रीय स्तर पर होना चाहिए ।
आतंकवाद की भर्त्सना विश्व नेताओं द्वारा की जा रही है और इस समस्या से निपटने के लिए अन्तरराष्ट्रीय स्तर पर प्रयास भी किए जा रहे है । पर , आतंकवाद को समूल नष्ट करने के लिए लोगों में दृढ़ आत्मबल एवं पारस्परिक संगठन आवश्यक है । इसके साथ ही मार्गभ्रष्ट लोगो को मनोवैज्ञानिक रीति से सन्मार्ग पर लाना होगा ।
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