Bihar Board class 10th Hindi Chapter 2 Objective विष के दांत
… Objective Question Answer Class 10th godhuli bhag 2 …
1. नलिन विलोचन शर्मा जन्मना …. भाधी थे
( A ) बाज्जिका
( B ) मैथिली
( C ) भोजपुरी
( D ) मगही
2. ‘ विष के दाँत ‘ की विधा है
( A ) कहानी
( B ) निबंध
( C ) संस्मरण
( D ) रिपोर्ताज
3. नलिन विलोचन शर्मा द्वारा लिखित पाठ है
( A ) बहादुर
( B ) आविन्यो
( C ) परंपरा का मूल्यांकन
( D ) विष के दाँत
4. ‘ नलिन विलोचन शर्मा की माता का नाम ….. था
( A ) गलावती शर्मा
( B ) पद्मावती शर्मा
( C ) शंभावती शर्मा
( D ) इनमें से कोई नहीं
5. नलिन विलोचन शर्मा सन् 1959 ई 0 में …… विश्वविद्यालय के हिंदी विभाग के अध्यक्ष हुए
( A ) दिल्ली
( B ) पटना
( C ) भागलपुर
( D ) नालंदा
6. नलिन विलोचन शर्मा हिन्दी कविता में ……. के प्रवर्तक थे
( A ) प्रयोगवाद
( B ) नई कविता
( C ) प्रगतिवाद
( D ) प्रपद्यवाद
7. ‘ साहित्य का इतिहास दर्शन ! पुस्तक के लेखक हैं
( A ) नलिन विलोचन शर्मा
( B ) प्रेमचंद
( D ) रामविलास शर्मा
( C ) अज्ञेय
8. नलिन विलोचन शर्मा द्वारा संपादित ग्रंथ है
( A ) संत परंपरा और साहित्य
( B ) अयोध्या प्रसार खत्री स्मारक , ग्रं
( C ) A एवम B
( D ) इनमें से कोई नहीं
9. ‘ मध्यवर्ग के अनेक अंतर्विरोधों को उजागर करने वाली कहानी
( A ) बहादुर
( B ) विष के दाँत
( C ) मछली
( D ) उपर्युक्त सभी
10. ‘ विध के दाँत ‘ का पात्र है
( A ) बहादुर
( B ) संतू
( C ) भग्गू
( D ) गिरधर
’11. सेन साहब ‘ की नई मोटरकार किस रंग की थी ?
( A ) काली
( B ) नीली
( C ) पीली
( D ) हरी
12. सेन साहब की कार की कीमत है
( A ) साढ़े चार हजार
( B ) साढ़े चार लाख
( C ) साढ़े सात हजार
( D ) साढ़े सात लाख
13. सेन साहब के कितनी लड़कियाँ हैं
( A ) दो
( B ) तीन
( C ) चार
( D ) पाँच
14. नलिन विलोचन शर्मा का जन्म ….. ई 0 में हुआ
( A ) 18 फरवरी 1915
( B ) 18 फरवरी 1916
( C ) 18 फरवरी 1917
( D ) 18 फरवरी 1918
15. ” माल और झोपड़ीवाले की लड़ाई में अक्सर पहल छाले ही जीसते है , पर उसी हालत में , जब दूसरे झोपड़ी वाले उनकी मदद अपने ही शिलाफ करते है । उक्त पंजिरा किस पाठ से ली गई है ?
( A ) विष के दाँत
( B ) बहादुर
( C ) मछली
( D ) शिक्षा और संस्कृति
16. खोखा है
( A ) गिरधर लाल का पुत्र
( B ) सेन साहब का पड़ोसी
( C ) सोफर का पुत्र
( D ) सेन साहब का पुत्र
Bihar Board Hindi Solutions Godhuli Bhag 2 Chapter 2 विष के दांत [ गद्य ]
… Subjective Question Answer Class 10th godhuli bhag 2 …
… लघु उत्तरीय प्रश्न …
परीक्षार्थियों के लिए निर्देश : – पाठ्य पुस्तकों से आठ लघु उत्तरीय प्रश्न पूछे जाएँगे जिनमें से पाँच प्रश्नों का उत्तर लिखना अनिवार्य होगा । प्रत्येक प्रश्न दो अंकों का होगा । शब्द सीमा 30-40 रहेगी ।
प्रश्न 1. सेन साहब के परिवार में बच्चों के पालन – पोषण में किए जा रहे लिंग आधारित भेदभाव का अपने शब्दों में वर्णन करें ।
उत्तर – साहब को पाँच बेटियाँ और एक बेटा है । वह बेटा पर अतिशय प्यार उड़ेलते हैं , उसे तरह – तरह की शरारत की छूट रहती है वहीं बेटियों पर तरह – तरह की बंदिशें डाली जाती हैं । इससे पता चलता है कि सेन साहब लिंग भेद के शिकार हैं । वह बेटियों को मात्र कठपुतली समझते हैं ।
प्रश्न 2. खोखा किन मामलों में अपवाद था ?
उत्तर – खोखा सेन साहब का इकलौता बेटा था । उसे बेटियों के विपरीत सेन साहब ने अत्यधिक छूट दे रखी थी । वह जीवन के नियम और घर के नियमों के मामलों में अपवाद था ।
प्रश्न 3. सेन दंपति खोखा में कैसी संभावनाएँ देखते थे और उन संभावनाओं के लिए उन्होंने उसकी कैसी शिक्षा तय की थी ?
उत्तर -सेन दंपति खोखा के द्वारा तोड़ – फोड़ किए जाने में इंजीनियर बनने की संभावनाएं तलाशते हैं । उन्होंने उन संभावनाओं को साकार करने के लिए उसकी शिक्षा के विशेष इंतजाम किए हैं । उसके लिए बढ़ई मिस्त्री को बुलवाकर ठोक – ठाक सिखाने के लिए कह रखा है ।
प्रश्न 4. सप्रसंग व्याख्या कीजिए
( क ) लड़कियाँ क्या है , कठपुतलियाँ हैं और उनके माता – पिता को इस बात का गर्व है ।
उत्तर – ( क ) प्रस्तुत पंक्ति हमारी पाठ्यपुस्तक ‘ गोधूलि ‘ भाग -2 कहानी ‘ विष के दाँत ‘ से उद्धृत की गई है । इसके लेखक नलिन विलोचन शर्मा हैं । इस कहानी में सेन दंपति की पाँचों लड़कियाँ सभ्य , सुशील , सर्वगुण संपन्न और अनुशासित हैं । इस बात को साबित करते हुए लेखक उद्धृत पंक्तियाँ लिखता है । अर्थात् सभी लड़कियाँ माता – पिता के इशारे पर चलने वाली है । सेन दंपति को इस पर गर्व है ।
( ख ) खोखा के दुर्ललित स्वभाव के अनुसार ही सेनों ने सिद्धान्तों को भी बदल लिया था ।
उत्तर- ( ख ) प्रस्तुत पंक्तियाँ हमारी पाठ्य – पुस्तक ‘ गोधूलि ‘ भाग -2 के गद्य खण्ड के ‘ विष के दाँत ‘ कहानी से उद्धत की गयी है । इसके लेखक नलिन विलोचन शर्मा है ।इस उद्धृत पंक्ति के माध्यम से नलिन विलोचन शर्मा ने कहा है कि जिसे सेन साहब इंजीनियर बनाना चाहते हैं उस खोखा को तोड़ – फोड़ में ही अधिक आनंद आता है । अतः “ खोखा के दुर्ललित स्वभाव के अनुसार ही सेनो ने सिद्धान्तों को भी बदल लिया था ” अत : खोखा के बिगड़े क्रियाकलाप के कारण ही सेन दंपति को ऐसा लगता था कि मेरा बेटा इंजीनियर बनेगा ।
( ग ) ऐसे ही लड़के आगे चलकर गुंडे , चोर और डाकु बनते हैं ।
उत्तर- ( ग ) प्रस्तुत पंक्ति हमारी पात्य – पुस्तक ” गोधूलि ” भाग -2 ‘ विध के दाँत ‘ शीर्षक कहानी से ली गयी है । इस कहानी के कहानीकार ‘ नलिन विलोचन शर्मा हैं । प्रसंगवश जब मदन सेन साहब की गाड़ी छूना चाह रहा था तब ड्राइवर और मदन की माँ ने यह विवाद बढ़ता देखा तो सेन साहब घर से निकल कर मदन की माँ को उसे वहाँ से ले जाने के लिए कह देते हैं । उसके बाद भी वह शांत नहीं हुए और गिरधर लाल को बुलाकर कहा- “ देखो गिरधर मदन आजकल बहुत शोख हो गया है । गाड़ी भी गंदा किया , साथ – साथ ड्राइवर को भी मारने दौड़ा । ऐसे ही लड़के आगे चलकर गुंडे चोर और डाक बनते हैं । ” यहाँ सेन साहब अपने बेटे की बुराई नहीं देख पाते और दूसरे में खामियों ढूंढते हैं ।
( घ ) हंस कौओ की जमात में शामिल होने के लिए ललक गया ।
उत्तर- ( घ ) प्रस्तुत पंक्ति हमारी पाठ्य – पुस्तक ‘ गोधूलि ‘ भाग -2 की कहानी ‘ विष के दाँत ‘ से उद्धृत की गयी है । इसके लेखक नलिन विलोचन शर्मा हैं । इस कहानी में मदन गली के बच्चों के साथ लटू नचा रहा है । सेन साहब का खोखा भी वहाँ आ गया । लटू को नचाते देख बाल सुलभ स्वभाव वश उसका भी मन लटू नचाने के लिए मचल उठा । यहाँ नलिन विलोचन शर्मा ने खोखा को हंस और मदन एवं उसके मित्रों को कौआ के झुंड की उपमा दी और लिखा कि ‘ हंस कौओं की जमात में शामिल होने के लिए ललक गया ।
प्रश्न 5. सेन साहब और उनके मित्रों के बीच क्या बात – चीत हुई और पत्रकार मित्र ने उन्हें किस तरह उत्तर दिया ?
उत्तर – सेन साहब के ड्राइंग रूम में उनके मित्र के साथ एक पत्रकार भी मौजूद थे । सभी आपस में बातचीत कर रहे थे कि – किसका बेटा क्या कर रहा है और आगे क्या पढ़ेगा । इसी क्रम में सेन साहब ने बात का रूख अपने बेटे की तरफ मोड़ते हुए कहा कि मेरा बेटा तो इंजीनियर बनेगा । जब पत्रकार मित्र से पूछा तो उन्होंने जवाब दिया कि- ” मैं चाहता हूँ मेरा बेटा जेंटिलमैन जरूर बने और जो कुछ बने , उसका काम है , उसे पूरी आजादी रहेगी । “
प्रश्न 6. मदन और ड्राइवर के बीच विवाद के द्वारा कहानीकार क्या कहना चाहते हैं ?
उत्तर – मदन और ड्राइवर के विवाद के द्वारा नलिन विलोचन शर्मा कहना चाहते हैं कि- जनसाधारण भी वैसा ही बन जाता है , जैसी उसकी संगति होती है । ड्राइवर सेन साहब का नमक खाता है इसलिए उनके बेटे की बदमाशी की ओर नजरअंदाज कर देता है वहीं कोई दूसरा बच्चा यदि गाड़ी छूना चाहता है तो उसे वह धकेल देता है और उल्टे उस पर गलत आरोप भी मढ़ दिए जाते हैं
प्रश्न 7. काशू और मदन के बीच झगड़े का क्या कारण था ? इस प्रसंग के द्वारा लेखक क्या दिखाना चाहता है ?
उत्तर – काशू और मदन के बीच झगड़े का कारण मात्र बाल सुलभ हठ था । यदि मदन काशू की गाड़ी छू नहीं सकता तो काशू मदन की लटू क्यों नचाए ? लेकिन काशू रौब दिखकर लटू नचाना चाहता हैं जो मदन के विचार से उचित नहीं था । यहाँ लेखक कहना चाहता है कि- ” बच्चों में भी प्रतिशोध की भावना जगती है । बच्चों में यह ज्ञान नहीं होता कि कोई बच्चा बड़े बाप का बेटा है , मैं गरीब बाप का बेटा हूँ ।
प्रश्न 8. ‘ महल और झोपड़ी वालों की लड़ाई में अक्सर महल वाले ही जीतते हैं ,पर उसी हालत में जब दूसरे झोपड़ी वाले उनकी मदद अपने ही खिलाफ करते हैं । ‘ लेखक के इस कथन को कहानी से एक उदाहरण देकर पुष्ट कीजिए ।
उत्तर -लेखक के अनुसार महल और झोपड़ी वालों की लड़ाई अर्थात् काशू और मदन की लड़ाई में मदन के अन्य मित्रों ने लटू विवाद में काशू की मदद नहीं की । परिणामतः काशू अर्थात् महल वाला हारता है । यदि मदन के मित्र काशू की मदद करते तो वही जीतता और झोपड़ी वाला हार जाता ।
प्रश्न 9. रोज – रोज अपने बेटे मदन की पिटाई करने वाला गिरधर मदन द्वारा काशू की पिटाई करने पर उसे दंडित करने की बजाय अपनी छाती से क्यों लगा लेता है ?
उत्तर- क्योंकि सेन साहब ने गिरधर को बेवजह नौकरी से निकाला और घर खाली करने का आदेश दिया । यह गिरधर के साथ अन्याय था । गलती काशू ने की तो दण्ड भी उसे ही मिलना चाहिए था लेकिन हुआ इसके विपरीत । सेन साहब ने गिरधर के साथ जो किया उसकी सजा उन्हें नहीं मिल सकी । किन्तु , गिरधर के बेटे ने काशू को दंडित करके उचित किया । यही कारण है कि उसने अपने बेटे को छाती से लगा लिया ।
प्रश्न 10. आपकी दृष्टि में कहानी का नायक कौन है ? तर्कपूर्ण उत्तर दें
उत्तर – कोई भी कहानी अपने नायक के आस – पास घूमती रहती है और उसी से इस कहानी का समापन होता है । हालांकि सेन साहब की चर्चा इस कहानी में अपेक्षाकृत अधिक हैं लेकिन नायक गिरधर का बेटा मदन ही है । कहानी घूम – फिरकर मदन के आस – पास ही चक्कर काटती है । गाड़ी के छूने पर जब ड्राइवर उसे धक्के देकर गिराता है तो मदन उसका पुरजोर प्रतिकार करता है । और कई घटनाओं के उपरांत वह अंत में काशू के दाँत तोड़ देता है । वह अन्याय कहीं भी सहन नहीं करता जो नायक का मुख्य गुण है ।
प्रश्न 11. आरंभ से ही कहानी का स्वर व्यंग्यपूर्ण हैं । ऐसे कुछ प्रमाण उपस्थित करें ।
उत्तर -‘ विष के दाँत ‘ कहानी पर यदि गौर करे तो पाते हैं कि आरंभ से ही कहानी का स्वर व्यंग्यपूर्ण है । उदाहरणस्वरूप – ‘ मिसेज सेन अपना और बुढ़ापे का कोई ताल्लुक मानने को तैयार हों और सेन साहब तो सचमुच बूढ़े नहीं लगते । ” मैं तो खोखा को इंजीनियर बनाने जा रहा हूँ । हंस कौआ की जमात में शामिल होने के लिए ललक गया । “
प्रश्न 12. ‘ विष के दाँत ‘ कहानी का सारांश लिखें ।
उत्तर-” विष के दाँत ” कहानी नलिन विलोचन शर्मा द्वारा लिखी गयी है । इसमें मध्यवर्ग के अनेक अंतर्विरोधों को बड़ी ही सफलता के साथ अंकित किया गया है । इसमें सामाजिक विसंगतियाँ , लिंग भेद एवं अतिशय प्यार – दुलार के दुष्परिणामों को उजागर किया गया है । सेन साहब को अपनी कार पर बड़ा नाज था । घर में ऐसा कोई नहीं था जो गाड़ी तक बिना इजाजत के फटके । पाँचों लड़कियाँ माता – पिता की आझा का अक्षरशः पालन करती थी परन्तु खोखा पर इसका कोई प्रभाव न पड़ता । वह घर के सभी मामलों में अपवाद था । गाड़ी को यदि खतरा था तो उसी से ।
सेन साहब खोखा को इंजीनियर बनाना चाहते थे । एक दिन अपने मित्रों से बातचीत कर ही रहे थे कि बाहर शोफर से गिरधारी की पत्नी उलझ गयी । उसका बेटा मदन शोफर पर डण्डा मार रहा था । ऐसा इसलिए कि शोफर ने मदन की माँ को चेतावनी दी , गिरधर को भी डाँटा । फलतः गिरधर ने मदन को खूब पीटा । दूसरे दिन मदन गली में अपने दोस्तों के साथ लटू नचा रहा था । काशू ने भी खेलने की इच्छा जाहिर की । मदन ने लटू देने से मना कर दिया ।काशू आदतन हाथ छोड़ देता है । बस , इतना था , कि मदन ने भी जोर से मुक्का मार के उसके दाँत तोड़ देता है ।
देर रात मदन घर आया तो पाया कि सेन साहब ने उसके पिता को नौकरी से निकाल दिया है । वह डर गया । किन्तु पिता ने इसे गोद में उठा लिया और कहा – शाबास बेटा … एक मैं हूँ और एक तू हैं जो खोखा के दो – दो दाँत तोड़ डालें । इस प्रकार यह अन्याय के प्रतिकार की कहानी है ।
… दीर्घ उत्तरीय प्रश्न …
परीक्षार्थियों के लिए निर्देश : – परीक्षा में दो दीर्घ उत्तरीय प्रश्न पूछे जाएँगे जिनमें से किसी एक प्रश्न का उत्तर 50-60 शब्दों में लिखना होगा । यह प्रश्न 5 नंबर का होगा ।
प्रश्न 1. ” विष के दाँत ‘ कहानी के शीर्षक की सार्थकता पर विचार कीजिए ।
उत्तर -किसी भी कहानी का शीर्षक उसका निचोड़ होता है । इस शीर्षक के इर्द – गिर्द ही वह कहानी घूमती है । ‘ विष के दाँत ‘ कहानी का शीर्षक भी सार्थक है । कहानीकार नलिन विलोचन शर्मा ने इस शीर्षक के माध्यम से सम्पूर्ण कहानी को एक सार्थक नाम दिया है । साँप के दो विष के दाँत होते हैं । उसके बिना साँप विषहीन हो जाता है । सेन साहब का बेटा खोखा भी साँप की तरह ही विषैला था । किसी को भी वह पीट देता , झगड़ा करता , रोब जमाता था । उससे सभी बच्चे परेशान रहते थे । साँप की भाँति फुफकारने वाले खोखा की पिटाई मदन ने इस प्रकार की कि उसके दो दाँत टूट गए । मानो वही उसके विष के दाँत थे । अत : कहानी का शीर्षक सार्थक है ।
प्रश्न 2. सेन साहन , मदन , काशू और गिरधर का चरित्र – चित्रण करें ।
उत्तर – सेन साहब , मदन , काशू और गिरधर इस कहानी के केन्द्रीय पात्र हैं । सेन साहब दुर्दमनीय बिजनेसमैन हैं । धनी हैं । अवसरवादी हैं । वह अपने पुत्र में इंजीनियर होने की संभावना तलाशते हैं । उनकी पुत्रियाँ सभ्य व सुशील हैं परन्तु उसकी शिक्षा की चर्चा तक नहीं करते । इससे स्पष्ट है कि वह लिंगभेद के शिकार हैं । सेन साहब को दौलत का घमंड है इसलिए गिरधर को नौकरी से निकाल देते हैं ।
मदन एक गरीब पिता का पुत्र हैं किन्तु स्वाभिमानी है । इसलिए वह सेन साहब के ड्राइवर की ओर झपटता है । सामान्य बालक की तरह उसके स्वाभिमान पर चोट करने वाले खोखा के दाँत तोड़ देता है । इससे यह स्पष्ट है कि मदन स्वाभिमानी है ।
काशू उर्फ खोखा सेन साहब का इकलौता दुलारा बेटा है । सेन साहब के अतिशय दुलार से वह बिगड़ जाता है । वह अहंकारी बन जाता है । उसमें चलता भी है । बालसुलभ भावनाएँ उसमें भी है तभी तो वह लटू खेलने सामान्य लड़कों के बीच जाता है ।
गिरधर आर्थिक रूप से कमजोर व्यक्ति है । वह ईमानदार एवं वफादार कर्मचारी है । मालिक के गलत निर्णय को भी वह स्वीकार कर लेता है । वह पिता की तरह पुत्र को दण्ड भी देता है , गले भी लगाता है । वह मुसीबत में तनिक भी नहीं घबराता ।
विष के दांत कहानी के रचयिता कौन है |
विष के दांत का ऑब्जेक्टिव |
विष के दांत के लेखक कौन है |
विष के दांत शीर्षक पाठ की विधा है |
विष के दांत कहानी का लेखक कौन है |
विष के दांत कहानी मदन किसका बेटा है |
विष के दांत का प्रश्न उत्तर |
विष के दांत कहानी का सारांश लिखिए |
vish ke dant objective |
vish ke dant kahani ke rachyita kaun hai |
vish ke dant kaisi kahani hai |
vish ke dant ke lekhak kaun hai |
vish ke dant kahani ke lekhak |
vish ke dant kahani ka saransh likhe |
vish ke dant ki kahani |
vishva ke dant |
vishwa ke dant ke lekhak kaun hai |
vishva ke dant kahani ke lekhak hai |