Computer Dictionary In Hindi – कंप्यूटर की महत्वपूर्ण शब्दावली

Computer Dictionary In Hindi – कंप्यूटर की महत्वपूर्ण शब्दावली

Software : कम्प्यूटर के संचालन के लिए जिन प्रोग्रामों की आवश्यकता होती है , उन्हें सॉफ्टवेयर कहते हैं । सॉफ्टवेयर पाँच प्रकार के होते हैं — प्रचालक ( Operator ) , भाषा संसाधक , उपयोगिता प्रोग्राम , उपनित्यक्रम और नित्यक्रम । हार्डवेयर क्षेत्र की अपेक्षा सॉफ्टवेयर उद्योग के क्षेत्र में भारतीय उत्पादकों की बाह्य आश्रितता बहुत ही कम

Hardware : कम्प्यूटर और कम्प्यूटर से जुड़े अन्य सभी यंत्रों तथा उपकरणों को हार्डवेयर कहा जाता है । •

Operating System: ऑपरेटिंग सिस्टम विभिन्न प्रभागों में निश्चित समय पर कार्यरत् होने , आदेश देने और उनमें परस्पर तालमेल स्थापित करने का कार्य करता है ।

Software Package : इस श्रेणी में ऐसे प्रोग्राम आते हैं जो विस्तृत रूप से अनेक संस्थाओं के लिए उपयोगी होते है । आजकल बाजार में वर्ड प्रोसेसिंग ( Word Processing ) , ग्राफिक्स ( Graphics ) आदि ऐसे ही अनेक प्रोग्राम उपलब्ध हैं ।

Disk Operating System : यह पूर्व लिखित प्रोग्राम , प्रदत्त प्रोग्राम , आँकड़ा तथा सम्बद्ध सूचनाओं को डिस्क से मुख्य मेमोरी में लाने और वहाँ से वापस लाने का कार्य सम्पादित करता है ।

Random Access Memory – RAM : ऐसी कम्प्यूटर की स्मृति जिसका उपयोग तात्कालिक स्मृति के लिए करते हैं । यह एक ऐसी स्मृति है जिसमें एकत्रित आँकड़ों को कम्प्यूटर ऑफ होने पर तुरन्त भूल जाता है । ड

Microprocessor : यह कम्प्यूटर की सेंट्रल प्रोसेसिंग यूनिट के सभी कार्यों को नियंत्रित करने वाला सिलिकॉन चिप है । इसे कम्प्यूटर का मस्तिष्क भी कहते हैं ।

PIXEL – Picture Cells : कम्प्यूटर ग्राफिक में प्रत्येक चित्र प्रकाश की छोटी – छोटी वर्गाकार इकाइयों से मिलकर बना होता है । इसी सूक्ष्मतम वर्गाकार इकाई को ‘ पिक्सेल ‘ कहते हैं ।

Power Supply Unit : कम्प्यूटर के विभिन्न भागों को वांछित विद्युत की आवश्यकता की पूर्ति हेतु जिस यंत्र का उपयोग किया जाता है , उसे पावर सप्लाई यूनिट कहते हैं ।

Desk Top Publishing : यह मुद्रण तथा कम्मोजिंग की नई तकनीक है । इसमें कम्प्यूटर के द्वारा टाइपिंग एवं कम्पोजिंग का कार्य पूरा करके पृष्ठ को लेजर प्रिंटर की सहायता से छापा जाता है । स्कैनर ( Scanner ) के माध्यम से इसमें चित्र , ग्राफ आदि छापे जाते हैं ।

CD – ROM Compact Disc Read Only Memory : इसमें सूचनाएँ अत्यन्त कॉम्पैक्ट रूप में स्टोर की जाती हैं , इसे केवल पढ़ा जा सकता है । इसमें सुरक्षित ( लिखी ) सूचनाओं को कम्प्यूटर द्वारा पढ़ा तो जा सकता है , किन्तु फ्लॉपी की तरह इसमें कोई भी सूचना स्टोर करने का कार्य केवल लेजरबीम के द्वारा हो सकता है । सामान्यत : इसका आकार 12 सेमी का गोल रूप है । इसमें लगभग 20,000 पृष्ठों की सामग्री स्टोर की जा सकती है ।

Wide Area Networking ( WAN ) : जब कम्प्यूटर्स दो या अधिक अलग – अलग स्थानों , शहरों में कार्यरत हो ।

Computer Networking : जब अनेक कम्प्यूटरों को आपस में जोड़कर कार्य किया जाता है , तो उसे कम्प्यूटर नेटवर्किंग कहते हैं । नेटवर्किंग के माध्यम से कम्प्यूटर डेटाबेस ( Data Base ) में सुरक्षित सूचनाओं का परस्पर आदान – प्रदान एवं उपयोग कर सकते हैं , कंट्रोल फाइल तक पहुँच सकते हैं तथा आवश्यकता के समय दूसरे प्रोसेसरों से प्रोग्राम ले सकते हैं ।

Application : कम्प्यूटर द्वारा किए जाने वाले या किए जा सकने वाले कार्य ।

Assembly : किसी प्रोग्राम का मशीन कोड में परिवर्तन ।

Ait : कम्प्यूटर के की – बोर्ड की एक ‘ की ‘ ( Key ) है जिसके साथ कोई अन्य ‘ की ‘ ( Key ) दबाने से उस ‘ की ‘ ( Key ) का कार्य बदला जा सकता है ।

Active file : कम्प्यूटर के स्मृति – कोष में संचित फाइलों में से एक , जिस पर कार्य किया जा रहा है ।

Access : कम्प्यूटर का प्रयोग करने तथा इसके स्मृति – कोष में सचित फाइलों में कुछ परिवर्तन , परिवर्द्धन करने की अनुमति को कहते हैं ।

Metropolitan Area Network MAN : MAN दो या दो से अधिक लोकल एरिया नेटवर्क को जोड़ता है । यह शहर की सीमाओं के भीतर स्थित कम्प्यूटरों का नेटवर्क है । राउटर्स , स्विच और हब्स मिलकर एक MAN का निर्माण करते हैं ।

बैक स्पेस ( Back Space ) : संसूचक को पीछे की ओर ले जाने वाले कम्प्यूटर ‘ की – बोर्ड ‘ की एक ‘ की ‘ ।

बाइलिंगुअल सॉफ्टवेयर ( Bilingual software ) : हिन्दी और अंग्रेजी दोनों भाषाओं में कार्य करने वाला सॉफ्टवेयर । कुछ द्विभाषी सॉफ्टवेयर इस प्रकार है -1 . अक्षर , 2. देववेस . 3. शब्दरत्न , 4. सुलेख , 5 . शब्दमाला , 6 , आलेख , 7. मल्टी वर्ड , 8 , एम एल वर्क्स , 9 , बाय स्क्रिप्ट , 10. संगम ।

बैक अप ( Back up ) : फाइल या डाटा या डिस्क में संचित कार्य , प्रोग्राम इत्यादि की प्रतिलिपि तैयार करना , ताकि मूल कार्य नष्ट हो जाने पर डाटा इत्यादि पुनः प्राप्त किया जा सके ।

बग ( Bug ) : किसी कम्प्यूटर प्रोग्राम में कोई गलती , जो उस प्रोग्राम को भली प्रकार से चलाने में बाधा डालती है ।

सेन्ट्रल प्रोसेसिंग यूनिट ( Central Processing Unit ( CPU ) : इसके भाग इस प्रकार होते हैं : ( 1 ) मेमोरी यूनिट , ( ii ) गणितीय प्रक्रिया यूनिट , जिसे ALU ( Arithmetic and Logical Unit ) कहते हैं और ( iii ) नियन्त्रण यूनिट जो अंकों के सही अन्तरण और प्रवाह पर नियन्त्रण रखता है और उसकी शुद्धता की जाँच करता है । के

कम्प्यूटर प्रोग्राम ( Computer Programme ) : कम्प्यूटर को दिए जाने वाले आदेशों के सेट को कम्प्यूटर प्रोग्राम कहते हैं ।

कण्ट्रोल ( Ctrl Control ) : कम्प्यूटर की – बोर्ड की एक ‘ की ‘ जिसे दबाए रखते हुए अन्य ‘ की ‘ दबाकर विशिष्ट कार्य के लिए कमाण्ड दिया जाता है ।

कर्सर ( Cursor ) : स्क्रीन पर आदेशानुसार विचरण करने वाला संकेत जो टाइप होने वाले अक्षर का स्थान दर्शाता है ।

डाटा बेस ( Data base ) : वह डाटा जो कम्प्यूटर में संचित हो और जिसे विभिन्न प्रयोक्ता प्रयोग में ला सकें । के

डीबेस ( Dbase ) : बड़े पैमाने पर डाटा संग्रहण और प्रसंस्करण की सुविधा से युक्त प्रोग्राम ।

डिस्क ( disk ) : प्लास्टिक या एल्युमिनियम की बनी सपाट गोल प्लेट जिस पर चुम्बकीय पदार्थ की परत चढ़ी होती है । इस प्लेट पर चुम्बकीय क्षेत्र का निर्माण कर सूचना संचित की जाती है ।

डिस्क ड्राइव ( Disk drive ) : कम्प्यूटर में लगा एक ऐसा उपकरण जो चुम्बकीय डिस्क को घुमाता है और हेड की स्थिति को नियन्त्रित करता है ।

फीड ( Feed ) : कम्प्यूटर में सूचना दर्ज करना ।

फाइल ( File ) : कम्प्यूटर में डाली गई सूचना का अभिलेख जो किसी संख्या या अक्षर टाइप करके खोली जाती है ।

( Floppy disk ) : लचीले प्लास्टिक की बनी हुई चुम्बकीय क्षमता युक्त प्लेट जो विशिष्ट लिफाफे में रखी जाती है ।

Font : विभिन्न आकार और आकृतियों के अक्षरों का सेट । – हार्ड कॉपी

( Hard copy ) : एक कम्प्यूटर यंत्र , जिसमें उसके विभिन्न अंग / भाग भी शामिल होते हैं ।

इनपुट डिवाइस ( Input device ) : सूचना प्रविष्टि माध्यम जैसे F म की – बोर्ड ।

मेमोरी ( Memory ) : सूचना संचित करने का स्थान ।

मेन्यू ( Menu ) : आदेशों के विकल्पों की सूची जिससे परिचालक स्वयं मार्गदर्शन प्राप्त करता है ।

यूजर ( User ) : कम्प्यूटरों का उपयोग करने वालों के लिए यूजर शब्द काफी लोकप्रिय हो रहा है । –

वर्ड प्रोसेसर ( Word processor ) : शब्दों को संशोधित करने वाला अर्थात् शब्द मिटाने , जोड़ने , शब्दों में सुधार करने , शब्दों का स्थान बदलने तथा अन्य सम्पादकीय कार्य करने वाला कम्प्यूटर ।

सॉफ्टवेयर पैकेज ( Software Package ) : इस श्रेणी में वे प्रोग्राम आते हैं जो विस्तृत रूप से कई संस्थाओं में प्रयुक्त होते हैं । वर्तमान में अनेक प्रोग्राम पैकेज कई प्रकार के उपयोगों के लिए उपलब्ध हैं । जैसे शब्द संसाधन ( Word Processing ) , डाटा बेस प्रबन्धन , बही – खातों के पैकेज , भण्डारण नियन्त्रण , डिजाइन ( CAD ) आलेखन ( Graphics ) आदि कार्यों के लिए अनेक पैकेज उपलब्ध हैं ।

कम्पाइलर ( Compiler ) : इसका कार्य उच्च – स्तरीय भाषाओं को मशीन की भाषा में परिवर्तित करना है । टेक्स्ट एडीटर : इसका कार्य है डिस्क अथवा टेप पर पहले से लिखी टेक्स्ट आधारित सूचनाओं को परिवर्तित करना , उनमें सुधार करना तथा नवीन सूचनाओं को जोड़ना , पूर्व लिखित सूचना को पूर्णतया हटा देना आदि ।

स्वैपर : नई सूचना के लिए जगह खाली करने के लिए पूर्व लिखित सूचना को वापस लौटाया जाए यह निर्धारित करने की जिम्मेदारी स्वैपर के ऊपर रहती है ।

डाटा : व्यवसाय आदि की प्रक्रिया में प्रयुक्त होने वाली वास्तविक सूचनाएँ ही डाटा कहलाती है । ये सूचनाएँ नाम , अंक , समय , तारीख , मूल्य , वजन , उत्पादित वस्तुओं का नाम , चित्र व ध्वनि आदि के रूप में हो सकती हैं ।

डाटा संसाधन ( Data Processing ) : ज्ञानार्जन के लिए सूचनाओं को एकत्रित करना एवं उन्हें डाटा के रूप में कम्प्यूटर में निवेशित करना ही डाटा प्रोसेसिंग है । कम्प्यूटर इन्हें संयोजित या आकलित कर अपने निष्कर्ष उस रूप में बहिर्गमित करता है , जिस रूप में हम उनका आसानी से प्रयोग कर सकें ।

निवेश ( Input ) : इसमें कम्प्यूटर प्रोग्राम को इस एकक के द्वारा कम्प्यूटर के केन्द्रीय संसाधन एकक में पहुँचा दिया जाता है । माइक्रो कम्प्यूटर में कुंजीपटल ( Key – board ) की सहायता से सीधे ही कम्प्यूटर में डेटा को निवेशित किया जा सकता है एवं Visual Display Unit . के माध्यम से देखा जा सकता है ।

निकास ( Output ) : जानकारी का निर्गमन एकक के द्वारा कम्प्यूटर से बाहर उस रूप में निकाल लिया जाता है जिससे वह उपयोगकर्ता को आसानी से समझ में आ सके । म संसाधन ( Processing ) : कम्प्यूटर का केन्द्रीय संसाधक ही उसकी समस्त गतिविधियों का संचालक होता है तथा उसका नियन्त्रण करता है । यह एकक कम्प्यूटर की गणना करने , शब्द , चित्र , ध्वनि , रंग आदि के संबंध एवं दत्तों को नियोजित करने का कार्य करता है । चिप्स : यह सिलिकॉन की बनी होती है । इस पर लाखों इलेक्ट्रॉनिक घटक उकेरे जा सकते हैं ।

टर्मिनल : वे युक्तियाँ जिनके माध्यम से कम्प्यूटर उपयोगकर्ता ( Computer User ) का कम्प्यूटर से सम्पर्क बना रहता है ये युक्तियाँ हैं- कुंजीपटल , स्क्रीन , माउस आदि ।

कुंजिका ( Electric Key ) : टाइपराइटर कुंजिका के सदृश कम्प्यूटर में कुंजिकाएँ होती हैं , जिन पर अंग्रेजी वर्णमाला के 26 अक्षर , अंक , ब्रैकेट , अल्पविराम , पूर्ण विराम इत्यादि कई संकेत चिह्न होते हैं । इन कुंजिकाओं का उपयोग कम्प्यूटर को आदेश देने के लिए किया जाता है ।

प्रिन्टर : टाइपराइटर की भाँति एक युक्ति जो अत्यन्त तीव्र गति से कम्प्यूटर के आउटपुट ( Output ) को छाप सकती है ।

माउस ( Mouse ) : यह एक छोटा बॉक्स होता है । इसके नीचे गोलाकार सेंसर लगा होता है । इसका कार्य है कम्प्यूटर के स्क्रीन पर कर्सर का स्थान निर्धारित करना । जब इसे माउस पैड पर धीरे – धीरे चलाया जाता है , तो सेंसर अपने विस्थापन की दिशा को पहचान लेता है तथा माउस इसके ही अनुरूप संकेत कम्प्यूटर को भेजता है जिससे स्क्रीन पर विद्यमान कर्सर भी इसी दिशा में विस्थापित होने लगता है ।

नेटवर्क : विभिन्न संगणकों को एक – दूसरे से जोड़ने से प्राप्त संजाल को नेटवर्क कहा जाता है । क साइट : इन्टरनेट से जुड़ा वह संगणक जहाँ विशेष प्रकार की सूचनाएँ उपलब्ध हो ।

ऑनलाइन : ऑनलाइन इन्टरनेट सम्पर्क तब कहा जाता है , जब व्यक्ति इन्टरनेट में रहते हुए उसमें मिल रही जानकारियों का अध्ययन करता है ।

सफिंग : इन्टरनेट के संजाल में से सूचनाओं को खोजना अथवा विभिन्न साइटों पर भ्रमण करना सफिंग कहलाता है ।

हाइपरलिंक : वेब पेज का यह विशेष शब्द या चित्र जिस पर माउस का बटन दबाने से व्यक्ति इन्टरनेट के एक साइट से दूसरे साइट पर पहुँच सके ।

ब्राउजर : वह सॉफ्टवेयर , जिसकी मदद से सूचनाएँ प्राप्त करने के लिए इन्टरनेट में प्रवेश किया जा सके ।

होम पेज : इन्टरनेट का आरम्भिक पृष्ठ , जहाँ से इन्टरनेट इस्तेमाल करने वाला संजाल के विभिन्न स्थलों ( साइट ) तक पहुंचता है ।

बकिवॉल : ये विश्व के सूक्ष्मतम टेस्टर्डियूब हैं । इनके निर्माण में कार्बन अपररूप का प्रयोग किया जाता है ।

नेवीगेटर कम्प्यूटर : डैन सिवियासेरेक नामक वैज्ञानिक ने एक ऐसे कम्प्यूटर का विकास किया है जिसे पहना जा सकता है तथा जो रास्ता भूलने पर उचित मार्ग बतलाएगा ।

नेवीगेटर नाम के इस कम्प्यूटर से रास्ता जानने के लिए एक बटन दवाना होता है तथा उपलब्ध माईक के आगे गन्तव्य स्थान का नाम लेना होता है । उसके पश्चात् आँखों के आगे लगे मॉनीटर पर वांछित स्थान पर नक्शा आ जाता + पैकेट

स्विचिंग : यह एक सम्प्रेषण प्रणाली है जिसमें संदेश आँकड़ों में अंतर्विष्ट होते हुए निर्धारित लम्बाई के पैकेटों में टूट जाते हैं तथा पृथक् रूप से सम्प्रेषित होते हैं और विभिन्न मार्गों से होते हुए एक बार फिर से लक्ष्य से एकीकृत हो जाते हैं ।

रिमोट सेंसिंग : बिना प्रत्यक्ष सम्पर्क के दूर से ही इस प्रणाली द्वारा फसलों की अवस्थिति , महासागरीय धरातलों इत्यादि के विषय में सूचना प्राप्त होती है । इसके लिए सूक्ष्म तरंगों का प्रयोग किया जाता है ।

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