परिवार को खुश कैसे रखे परिवार की खुशहाली सभी के लिए मायने रखती है । हर परिवार अपनी खुशहाली चाहता है , लेकिन पारिवारिक जीवन में प्रवेश करते ही तरह – तरह की – समस्याएँ उत्पन्न होने लगती हैं , जिनसे जूझना पड़ता है । इन समस्याओं में सबसे प्रमुख रूप से आर्थिक समस्याएँ • सामने आती हैं ,
जिन्हें अधिकतर निम्न या मध्यमवर्गीय परिवारों को झेलना पड़ता है । इसके अलावा घर – परिवार के सदस्यों में कलह क्लेश आएदिन होता रहता है , जो पारिवारिक सुख – शांति को भंग करता है । लेकिन किसी भी परिवार की खुशहाली का आधार आर्थिक संपन्नता मात्र नहीं है , बल्कि इससे कहीं ज्यादा महत्त्वपूर्ण परिवार के सदस्यों में एकदूसरे के लिए प्यार , सम्मान , विश्वास और समझ की भावना का होना है ।
परिवार को खुश कैसे रखे – परिवार में कैसे रहना चाहिए

ये चारों खुशहाल परिवार के ऐसे आधार स्तंभ हैं , जिन पर सफल पारिवारिक जीवन की नींव टिकी होती है । जितने मजबूत ये स्तंभ होंगे , संबंधों की . प्रगाढ़ता भी उतनी ही ज्यादा होगी । किसी भी परिवार के सदस्यों में यदि आपस में प्रेम , विश्वास , सम्मान व समझदारी की कमी है तो परिवार का मजबूती से टिका रहना संभव नहीं हो पाता और बात – बात पर कलह – क्लेश उभर आता है ।
वहीं यदि ये चारों बातें पारिवारिक जीवन में घुली – मिली हैं तो परिवार दिन दूनी , रात चौगुनी प्रगति करता है । परिवार के ये चारों आधारस्तंभ जितने मजबूत होते हैं , उतनी ही मजबूती के साथ परिवार में रिश्तों की डोर प्रगाढ़ होती है और यदि ये आधारस्तंभ कमजोर हैं , तो परिवार के रिश्ते टूटकर बिखर जाते हैं , फिर इन्हें सँभालना व बाँधकर रखना मुश्किल होता है ।
आपसी प्यार
परिवार के इन चार आधारस्तंभों पहला है आपसी प्यार । यदि प्यार है , तो परिवार है । यदि प्यार नहीं , तो परिवार भी नहीं बन पाता । इसलिए परिवार में प्यार का होना जरूरी है । प्यार हृदय में पनपता है , लेकिन प्यार को बनाए रखने व विकसित करने के लिए कई आवश्यक तत्त्व जरूरी हैं , जैसे – सुरक्षा और विश्वास समूह की भावना एवं समर्थन व सहयोग का एहसास ।
परिवार में पारिवारिक सदस्यों के मध्य प्यार को पोषित करने के लिए इन बातों का ध्यान रखना पड़ता है , अन्यथा प्यार का कोमल पौधा मुरझाने लगता है । इसे हरा – भरा रखने के लिए सुरक्षा – विश्वास , समर्थन , एहसास व देख – भाल की जरूरत होती है ।
विश्वास
विश्वास वह आधार है , जिसके बल पर व्यक्ति कुछ भी करने के लिए तत्पर हो जाता है । विश्वास की नींव धीरे – धीरे मजबूत होती है , फिर भी विश्वास को तोड़ना व जोड़ना व्यक्ति के हाथ में होता है । किसी को अपनी बात का विश्वास दिलाना अलग बात है , और उस विश्वास को कायम रखना दूसरी बात है । विश्वास पर खरे उतरने वाले लोग प्रामाणिक बनते हैं , जिन पर कोई भी आँख मूंदकर भरोसा करता है । यदि परिवार में आपसी विश्वास में कमी है , तो परिवार की संगठित प्रामाणिकता खतरे में पड़ जाती है एवं परिवार के मध्य तनाव एवं कलह का वातावरण बना रहता है ।
सम्मान का भाव
जब हम किसी को सम्मानित करते हैं , तो वह गौरवान्वित महसूस करता है और अपमान करते हैं , तो लज्जित होता है । सम्मान वह भाव है , जिसके मिलने पर व्यक्ति प्रफुल्लित होता है और इसके बदले में कुछ देना चाहता है ।
इसी कारण जब किन्हीं बड़े – बूढ़ों को सम्मान – दिया जाता है , उन्हें नमन किया जाता है तो बदले में वे – अपना आशीष देते हैं , शुभकामना देते हैं , लेकिन आज की पीढ़ी दूसरों के सम्मान के भाव को उपेक्षित कर रही है । स
म्मान वह भाव है , जिसके आगे सभी नतमस्तक – होते हैं और भावों को प्रगाढ़ करते हैं । सम्मान देने से – सभी खुश होते हैं , इसलिए परिवार में छोटे – बड़े सभी के – सम्मान का ध्यान रखना चाहिए , किसी को भी अपमानित नहीं करना चाहिए । यदि किसी को अपमान का भाव – महसूस होता है तो इसके लिए क्षमाप्रार्थी होना चाहिए क्योंकि अपमान करके हम किसी को नकारते हैं , अस्वीकारते हैं और सम्मान के द्वारा उसे स्वीकारते हैं ।
समझदारी
समझदारी वह जरिया है , जिसके आधार पर परिवार में विभिन्न सदस्यों के बीच अच्छा सामंजस्य हो पाता है । समझदारी न होने पर सामंजस्य बिगड़ता है और फिर एकदूसरे के साथ रहना मुश्किल हो जाता है । समझदारी के आधार पर ही उपर्युक्त तीनों आधारस्तंभ मजबूती के साथ टिके रह पाते हैं , अन्यथा सब कुछ बिखरकर रह जाता है । परिवार के ये चारों आधारस्तंभ मजबूत व संतुलित होने पर जीवन खूबसूरत , सफल व खुशहाल होता है । इसलिए तो लोग अपने परिवार को याद करके अपनापन महसूस करते हैं ।
माता – पिता अपने बच्चों को देखकर सुकून पाते हैं और बच्चे अपने माता पिता से मिलकर खुशी व सुरक्षा महसूस करते हैं ।
‘ प्यार और सहकार से भरा – पूरा परिवार ही धरती का स्वर्ग होता है । इस प्यार और सहकार में वे सभी बातें समाहित हैं , जो एक परिवार के लिए जरूरी होती हैं । इसलिए खुशहाल परिवार के इन आधारभूत स्तंभों का सभी को ध्यान रखना चाहिए और उन्हें पोषित करते रहना चाहिए ।
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