आज के इस लेख में हम Rebirth Story In Hindi – पुनर्जन्म की एक सच्ची घटना के बारे में जानेंगे। उम्मीद करते है आपको यह पसंद आये
पुनर्जन्म की अद्भुत घटना – Wonderful event of rebirth
घटना सन् 1980 की है । रोहतास जनपद के मनोहरपुर में भालचंद्र अपने परिवार के साथ रहते थे । उनके दो पुत्र थे – विवेक और केतन । 4
केतन जब 10 साल का हुआ तो उसे अपने पूर्वजन्म के बारे में कई बातें याद आने लगीं । उसने अपने माता – पिता से ये सारी बातें बताईं , पर उन्होंने समझा कि यह बालक है और निद्रा में देखे किसी स्वप्न को अपने पूर्वजन्म की बातें समझ रहा है ।
पड़ोस के लोगों ने भी उसकी बातों पर कोई ध्यान नहीं दिया और सभी लोग उसकी बातों को मजाक मात्र समझते रहे , परंतु एक दिन जब वह बालक विद्यालय से घर लौट रहा था तो सहसा उसे अपने पूर्वजन्म के गाँव की यादें और सघनता से याद हो आईं ।
घर पहुँचकर उसने अपने पूर्वजन्म के गाँव , गली और आस – पास के लोगों के नाम बताने शुरू कर दिए । यहाँ तक कि बालक को अपने पिता का नाम वीरचंद्र भी स्मरण हो आया । पूर्वजन्म की अपनी माँ लक्ष्मी देवी एवं अपने चारों भाइयों का नाम भी उसे स्मरण हो आया ।
उसने बताना प्रारंभ किया- ” पूर्वजन्म में मैं यहाँ से 50 किलोमीटर दूर जसपुर गाँव में रहता था । मेरे पिता वीरचंद्र तहसीलदार थे । हम चार भाई थे । भाइयों में हम सबसे बड़े थे । हमारे दो भाई अध्यापक थे व सबसे छोटा भाई हाईस्कूल की परीक्षा की तैयारी कर रहा था ।
मैं बी.ए. पास करके गाँव में ही कपड़े का व्यापार करता था । मेरी शादी को दो वर्ष हो गए थे । मेरे दो बच्चे थे – राधा और सुयोग । दोनों गाँव के ही प्राथमिक स्कूल में पढ़ते थे । ” एक दिन हमारे गाँव में दशहरा का मेला लगा था । हम सभी मेले में घूम रहे थे कि तभी मैं पीछे से आ रहे एक ट्रक के नीचे आ गया ।
ट्रक का पहिया मेरे सीने से होकर गुजरा और मैं लहूलुहान हो तड़पने लगा । देखते – देखते वहाँ लोगों की भारी भीड़ इकट्ठी हो गई । गाँव के कुछ लोग मुझे निकट के चिकित्सालय में ले गए , पर तब तक मेरे प्राणपखेरू उड़ चुके थे । डॉक्टरों ने मुझे मृत घोषित कर दिया । तभी वहाँ मेरे माता – पिता भी पहुंच गए । मेरी पत्नी व बच्चे भी वहीं थे ।
मेरी मृत्यु पर सभी लोग विलाप कर रहे थे । ” अब उसके माता – पिता को यह विश्वास हो चला कि बालक की बातों में अवश्य ही कुछ सचाई है , सो उसके बार – बार जिद करने पर उसके माता – पिता अपने गाँव के कुछ लोगों के साथ उसे उस गाँव में लेकर पहुंचे , जहाँ वह अपना घर बताता था ।
उस गाँव में पहुँचते ही वह गाँव के लोगों के नाम लेकर उनको प्रणाम करने लगा । गाँव के लोग भी हतप्रभ रह गए । वह स्वयं ही अपने पूर्वजन्म के घर तक पहुँच गया ।
किसी को उसे मार्ग नहीं बताना पड़ा । उसके उस जन्म के माता – पिता घर के दरवाजे पर बाहर बैठे थे । उन्हें देखते ही वह पहचान गया व फूट – फूटकर रोने लगा । एक – एक कर उसने गाँव के सभी लोगों के नाम बताए ।
अब सभी को विश्वास हो गया कि बालक बिलकुल सच बोल रहा है । उसने अपने पूर्वजन्म के माता – पिता को अपनी मृत्यु की सारी घटना बता दी ।
अपने दोनों बच्चों व पत्नी के बारे में भी उसने सारी बातें बताईं और पूछा कि मेरी बेटी राधा और बेटा सुयोग कहाँ हैं ? बेटी राधा की शादी हो चुकी थी और वह ससुराल में रह रही थी । बेटी को ससुराल से बुलाया गया । उसे देखते ही उसने बेटी – बेटी कहकर उसे हृदय से लगा लिया ।
बेटा , जो शहर में नौकरी कर रहा था उसे बुलाया गया । उसे देखते ही वह पहचान गया और गले से लगा लिया । पुनर्जन्म की यह सच्ची घटना देखकर लोग सचमुच आश्चर्यचकित थे ।
प्रिय पाठको हम ये पूरी तरह से दावा नही करते है , कि यह कहानी कितनी प्रतिशत सत है , कृपया आप इसे मनोरंजन के लिए पढ़े। यही हम आशा करते है। धन्यवाद
आपका दिन शुभ हो
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